बिहार में भाजपा और जदयू का गंठबंधन टूट जाएगा ? केसी त्यागी ने कही ये बात
अरुणाचल प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को तगड़ा झटका लगा है. यहां उसके छह विधायक सहयोगी सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गये हैं. बिहार में जदयू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली पार्टी भाजपा ने ऐसा क्यों किया ये किसी को समझ नहीं आ रहा है.
खुद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वहां भाजपा बहुमत में है. उसे जदयू के विधायकों को तोड़कर पार्टी में शामिल करने की कोई जरूरत ही नहीं थी. भाजपा ने ऐसा क्यों किया यह समझ से परे है. हालांकि, बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन के बारे में त्यागी ने कहा कि बिहार की राजनीति पर अरूणाचल प्रदेश की घटना का कोई असर नहीं पड़ेगा. इस संबंध में जदयू के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है.
पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश का एक विधायक भी पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल हो गया है. भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायक तलेम तबोह, जिक्के ताको, हयेंग मंगफी, दोर्जी वांग्डी खर्मा, डोंग्रु सियोंग्जु, कांगोंग ताकू हैं. वहीं, कर्डो न्याग्योर भाजपा का दामन थामने वाले पीपीए विधायक हैं. पीपीए ने इस महीना के शुरू में न्याग्योर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया था.
अरुणाचल में यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जबकि पिछले माह ही बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा और जदयू की अगुआई में राजग 125 सीटों के साथ कांटों के मुकाबले में बहुमत पाने में कामयाब रहा था. हालांकि, इस चुनाव में नीतीश की अगुआई वाले जदयू को काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन भाजपा ने जबर्दस्त कामयाबी हासिल की. गौरतलब है कि 60 विधानसभा सीटों वाली अरुणाचल प्रदेश में 2019 के विस चुनाव में भाजपा ने 41 सीटों पर जीत हासिल की थी.
जदयू ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस: जदयू ने 26 नवंबर को सियनग्जू, खर्मा और टाकू को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उन्हें निलंबित कर दिया था. इन छह विधायकों ने इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को कथित तौर पर बताये बिना तालीम तबोह को विधायक दल का नया नेता चुन लिया था. पीपीए विधायक को भी क्षेत्रीय पार्टी ने इस महीने की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था.