क्या आप गर्भनिरोधक के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानते हैं ?
यह हम सभी जानते हैं कि गर्भ निरोधक के कई उपाय हैं और हम इन उपायों का इस्तेमाल, बच्चों में अंतर रखने, बच्चे नहीं चाहने इत्यादि कई उद्देश्यों के लिए करते हैं. आज हम जानने की कोशिश करते हैं कि इन गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल कैसे, कब और किस गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करना है. कभी-कभी देखने में आता है कि कुछ खास गर्भ निरोध के तरीकों के अपने साइड इफेक्ट भी होते हैं. अत: उनसे कैसे निबटा जाये, यह जानने की जरूरत है.
अब अगर आप एक दिन दवा लेना भूल जाती हैं तो क्या करें : आपको जैसे ही याद आये तो दवा लें और अगली खुराक अपने सुनिश्चित समय पर लें. दो से ज्यादा दिन भूलने पर गोलियों की गर्भ निरोधक क्षमता पर असर पड़ता है. इसलिए उस समय कंडोम का उपयोग करें. गोलियों के अनियमित होने पर मासिक के दौरान रक्तस्राव की समस्या हो सकती है. ऐसा गोलियों में मौजूद हॉर्मोन के असंतुलित खुराक का नतीजा होता है. ऐसा होने पर डॉक्टर से मिलें, डॉक्टर आपकी समस्या समझकर आपको समुचित इलाज बतायेंगे. यह गोलियां कभी-कभी अत्यधिक मुहांसे आदि में भी दी जाती है, लेकिन वह माला-एन या माला-डी से थोड़ी अलग होती है. इसलिए इन गोलियों को खरीदते वक्त यह सुनिश्चित करें कि डॉक्टर ने जो गोलियां दी हैं, आप वही खरीद रही हैं. एक बात अवश्य ध्यान में रखें कि कोई भी गर्भ निरोधक तरीका मां बनने की शक्ति और संभावना पर कोई बुरा असर नहीं डालता. आजकल गर्भ निरोधक इंप्लांट्स जिनको हल्के चीरे से शरीर में डाला जा सकता है और गर्भ निरोधक पैचेज भी उपलब्ध हैं.
कंडोम : सबसे पहले सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाले उपाय कंडोम की बात करते हैं. कंडोम के इस्तेमाल में सिर्फ एक ही परेशानी सामने आती है और वह है एलर्जी की. कुछ लोगों को लैटेक्स (latex) या रबड़ से एलर्जी हो सकती है. इससे कंडोम के उपयोग से खुजली हो सकती है, क्योंकि कंडोम ज्यादातर इन्हीं चीजों से बनाये जाते हैं. कुछ को जननांगों पर दाने भी आ सकते हैं. ऐसे लोग कंडोम से परहेज कर सकते हैं या बाजार में उपलब्ध प्लास्टिक मैटेरियल के कंडोम का उपयोग कर सकते हैं. कई बार कंडोम इस्तेमाल के दौरान स्लिप हो जाता है, ऐसे में प्रेग्नेंसी कॉन्ट्रासेप्शन (गर्भनिरोधक गोली) का इस्तेमाल करें. अहम बात यह भी है कि कंडोम बहुत ही आसानी से उपलब्ध, सस्ता और सबसे कम साइड इफेक्ट वाला गर्भ निरोधक है. इसका इस्तेमाल न सिर्फ अनचाहे गर्भ से बचाता है, बल्कि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज जैसे- एचआईवी आदि से बचाता है.
गोलियां : अब बात करते हैं सबसे ज्यादा उपयोग की जानेवाली गर्भ निरोधक गोलियों की. सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जानेवाली गोलियां जैसे- माला-एन और माला-डी महिलाएं काफी व्यापक रूप में इस्तेमाल करती हैं. गोलियों का इस्तेमाल गर्भ निरोध के अलावा कई बार मासिक की अनियमितता, अत्यधिक रक्तस्राव जैसी समस्याओं में भी किया जा सकता है. इस बात का ख्याल रखें कि गोलियां नियमित रूप से सुनिश्चित समय पर ही लें. यह गोलियां हॉर्मोंस की होती हैं. इसलिए शरीर को यह सुनिश्चित करना कि एक खास समय पर संतुलित मात्रा में हॉर्मोन उपलब्ध हो जरूरी है. एक खास समय पर लेने से दवा लेना भूलने की आशंका कम हो जाती है.
इंजेक्शन : आजकल अंतरा इंजेक्शन का भी उपयोग किया जा रहा है, जो सुविधाजनक और असरकारक भी है. अंतरा की सूई में भी एक खास तरह का हॉर्मोन होता है. इसलिए इनका इस्तेमाल भी नियमित और सुनिश्चित तरीके से होना चाहिए. इन सूईयों का इस्तेमाल हर तीन महीने पर किया जाता है. इनके इस्तेमाल के साथ जो सबसे मुख्य समस्या देखने में आती है, वह है अनियमित रक्तस्राव और तीन-चार इस्तेमाल के बाद मासिक का बिल्कुल रुक जाना. ये दोनों ही समस्याएं बिल्कुल ठीक हो सकती है. इसके लिए बस आपको उचित डॉक्टरी परामर्श की आवश्यकता है. मासिक का लंबे समय तक रुक जाने से अक्सर महिलाओं में घबराहट आ जाती है. इसमें घबराये नहीं, यह सिर्फ हॉर्मोन की अधिकता का असर होता है.
कॉपर-टी : अब अगर हम कॉपर-टी की बात करें, तो आज इसका इस्तेमाल गर्भनिरोध के रूप में बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी किया जाता है. कॉपर-टी का इस्तेमाल कभी-कभी महिलाओं में जननांगों में संक्रमण का कारण बन सकता है. वैसे भी इसे लगाने से पहले डॉक्टर यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि महिला को किसी भी प्रकार का संक्रमण पहले से न हो. चूंकि कॉपर-टी महिला के शरीर के लिए एक बाहरी वस्तु होती है, इसलिए इस पर बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है. इसलिए यदि कॉपर-टी का इस्तेमाल करती हैं, तो संक्रमण से बचने के लिए हाइजीन का ख्याल रखें. यह भी देखा गया है कि डायबेटिक महिलाओं को संक्रमण का खतरा अधिक होता है, अत: उन्हें इसका अधिक ख्याल रखना चाहिए. कॉपर-टी के इस्तेमाल पर मासिक अनियमित भी हो सकती है. ऐसा होने पर डॉक्टर से मिलें.