कवायद: फाइलेरिया से बचाव को ले दवा सेवन के प्रति स्वास्थ्य विभाग करा रहा माइकिंग
नवादा: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला में 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन अभियान कार्यक्रम का आगाज़ होगा. दवा सेवन के प्रति जागरूकता के लिए सीफार, पीसीआई और पीरामल संस्था के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा माइकिंग कराया जा रहा है. माइकिंग की माध्यम से लोगों को हाथीपांव की गंभीरता और इससे बचाव के लिए आवश्यक रूप से दवा सेवन की अपील की जा रही है. लोगों को बताया जा रहा है कि हाथीपांव एक गंभीर रोग है. यह एक नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल बीमारी है. इससे तुरंत मौत तो नहीं होती है लेकिन पैर या हाथ जैसे महत्वपूर्ण अंगों में सूजन आने के कारण व्यक्ति एक प्रकार की विकलांगता का शिकार हो जाता है.
शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा माइकिंग:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आफताब कलीम ने बताया कि जिला के काशीचक, कौआकोल, सदर प्रखंड नवादा, नरहट और मैसकोर प्रखंडों में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाना है. इसके तहत स्वास्थ्यकर्मी घरों तक पहुंच कर लोगों को दवा देंगे. इनमें अल्बेंडाजोल तथा डीईसी दवाएं शामिल हैं. बताया कि दवा सेवन को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं. इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र में माइकिंग कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला में 2280 फाइलेरिया रोगी हैं. इनमें 300 रोगी हाइड्रोसील के तथा 1980 रोगी लिम्फेडेमा यानि हाथीपांव के हैं. इस प्रकार के रोगियों की संख्या बढ़े नहीं इसके लिए दवा का सेवन कराये जाने की मुहिम है. नुक्कड़ नाटक के साथ—साथ माइकिंग से सामुदायिक स्तर पर दवा सेवन के प्रति जागरूकता आ रही है.
फाइलेरिया मरीजों का नेटवर्क कर रहा सहयोग:
माइकिंग के कार्य में हाथीपांव ग्रसित मरीजों द्वारा तैयार नेटवर्क के सदस्य भी स्वास्थ्य विभाग को अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं. हाथीपांव के मरीज माइकिंग किये जाने वाले वाहन के साथ—साथ शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्थानीय निवासियों से इस बीमारी की पीड़ा साझा कर रहे हैं तथा रोग के प्रति जागरूक करते हुए दवा सेवन करने की अपील कर रहे हैं. भरोसा, सिद्दो, पथरा इंगलिश सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में फाइलेरिया पेशेंट नेटवर्क के सदस्य वहां पहुंच लोगों से रोग की रोकथाम के लिए दवा सेवन पर संवाद स्थापित कर रहे हैं.