लीक से हटकर है फ़िल्म ‘रोमांटिक टुकड़े’ की कहानी: लेखक शहज़ाद अहमद
इस शुक्रवार को भारत भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘रोमांटिक टुकड़े’ एक ऐसी कहानी पर आधारित फ़िल्म है, जिसपर फिल्म बनाना अपने आप में काबिले तारीफ काम है| फिल्म रिलीज़ से पहले ही कई सारे अन्तराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित की जा चुकी है. शायद इसीलिए भारत भर के सिनेमाघरों ‘रोमांटिक टुकड़े’ को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि ‘रोमांटिक टुकड़े’ की कहानी शहज़ाद अहमद ने फ़िल्म के निर्देशक वरदराज स्वामी के साथ मिलकर लिखी है, तो वहीं फ़िल्म की पटकथा लिखने का पूरा श्रेय शहज़ाद अहमद को जाता है. शहज़ाद अहमद इससे पहले ‘ मांझी द माउंटेन मैन, कबाड़ – द कॉइन’ जैसी फ़िल्म लिख चुके हैं. उनकी दोनों फिल्मों को दर्शकों और समीक्षकों का भरपूर प्यार मिला था. शहज़ाद अहमद की एक बार फिर से कुछ नया करने की कोशिश का नतीज़ा है ‘रोमांटिक टुकड़े’.
‘रोमांटिक टुकड़े’ सिनेमा के उस सुनहरे दौर को दर्शाती है, जब लोगों के लिए सिनेमा देखना एक सामूहिक और पारिवारिक अनुभव हुआ करता था, और लोग बड़ी तादाद में सिनेमा देखने के लिए सिनेमाघरों का रुख किया करते थे, और ब्लैक टिकिट लेकर भी फिल्म देखना नहीं चुकते थे. फिर समय के साथ कुछ ऐसा क्या हो गया कि आज देश में हर दिन सिनेमा हॉल बंद हो रहे हैं. सिनेमा हॉल की इस यात्रा को बहुत ही मार्मिक ढंग से हमने दर्शाने के कोशिश किया है.
लेखक शहज़ाद अहमद कहते हैं, “हिंदी सिनेमा का एक बहुत पुराना चलन कि यहाँ पर फ़िल्ममेकर्स एक घिसी-पिटी कहानी और फॉर्मूला पर आधारित फ़िल्में बनाना पसंद करते हैं. सबकुछ पहले से ही तय होता है कि फ़िल्म में कहाँ पर गाने होंगे, कहाँ पर कॉमेडी होगी, हीरो-हिरोइन व विलेन किस तरह की हरकतें करेंगे और अंत में क्लाइमेक्स क्या होगा ये सब पहले से तय होता है. बड़े से बड़े फ़िल्ममेकर्स बस इसी ढर्रे पर एक लम्बे अर्से से फ़िल्में बनाते चले आ रहे हैं. यहाँ फ़िल्मकार और लेखक कुछ नया एक्सपेरिमेंट करने से डरते हैं. यही वजह है कि हिंदी फ़िल्मों में हमें कुछ नया देखने को नहीं मिलता है, मगर ‘रोमांटिक टुकड़े’ कई मायनों में अलग इसलिये है कि इसे देखकर आपको महसूस होगा कि सिनेमा इतना यथार्थवादी और मनोरंजक भी हो सकता है.”
शहज़ाद अहमद आगे कहते हैं, “यह बड़े दुख की बात है कि लेखक कुछ नया लिखने और फ़िल्मकार कुछ नया करने में कतराते हैं, मगर ‘रोमांटिक टुकड़े’ के माध्यम से हम सबने मिलकर कुछ नया करने की कोशिश की है. ‘रोमांटिक टुकड़े’ के ज़रिए आप सभी को एक ऐसा फिल्म देखने को मिलेगी, जिसकी इससे पहले कभी अनुभूति नहीं की होगी.”
03 नवंबर, 2023 को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘रोमांटिक टुकड़े’ में पंकज बेरी, अमिया अमित कश्यप, धामा वर्मा, विवेकानंद झा जैसे सशक्त कलाकार अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे. इस फ़िल्म का निर्देशन वरदराज स्वामी ने किया है, जबकि फ़िल्म का निर्माण साझा तौर पर विजय बंसल और प्रिया बंसल ने किया है. फ़िल्म की एडिटिंग बालाजी तिवारी ने किया है और सिनेमेटोग्राफी सिन्धु कुमार दूवेदी ने किया है| कर्णप्रिय संगीत तुतुल भट्टाचार्य ने दिया है और फ़िल्म के उम्दा गानों को पीयूष मिश्रा और केतन मेहता ने लिखा है. इस फ़िल्म के सह-निर्माता आसिफ़ ख़ान और वेदर फिल्म्स हैं| एसोसिएट प्रोडूसर भोजप्पा मोतीराम जाधव हैं और प्रोजेक्ट डिजाईन निखिल खोना ने किया है.