Lok Sabha Chunav 2024 : नरेंद्र मोदी को लेकर क्या है देश का मूड ?
Lok Sabha Chunav 2024 : पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी तीन राज्या में सरकार बनाने में कामयाब रही है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. बीजेपी के नेताओं का दावा है कि बीजेपी तीसरी बार केंद में सरकार बनाएगी यानी ‘तीसरी बार मोदी सरकार’. इस बीच लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रया दी है. प्रधानमंत्री से जब सवाल किया गया कि अबकी बार 400 पार के नारे लोग लगा रहे हैं…क्या पार्टी ने ऐसा कोई लक्ष्य रखा है ? इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने दिया और कहा कि जनता जो आंकड़े देती है उसका कोई खास आधार होता है. आंकड़े के पीछे एक भाव होता है जिसे समझने की जरूरत है.
तीन दशकों की राजनीतिक अस्थिरता की वजह से देश को बड़ा नुकसान
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश की हर जनत की समझ में आ चुका है कि 2014 के पहले के तीन दशकों की राजनीतिक अस्थिरता की वजह से देश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. वर्तमान समय में पूरी दुनिया की नजर भारत पर है. पूरी दुनिया भारत से नई उम्मीदें कर रहा है. ऐसे माहौल में अब देश की जनता भारत को अस्थिरता में झोंकना की भूल नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि मेरे लिए सीटों की गिनती से ज्यादा जनता के दिलों को जीतना जरूरी है. मैं दिल जीतने की हमेशा कोशिश करता हूं. लगातार मेहनत करता हूं ताकि जनता के दिल में जगह बना सकूं. मेहनत करता हूं तो जनता खुद ही मेरी झोली भर देती है.
2047 तक भारत को विकसित बनाने के लक्ष्य
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य पर बात की. उन्होंने कहा कि जहां तक लक्ष्य की बात है तो वर्तमान समय में मैं ही नहीं, बल्कि पूरे देश ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लक्ष्य रखा है और पूरा देश इस लक्ष्य का पाने के लिए काम कर रहा है. आज जो 18 से 28 साल के युवा हैं…चाहे वो युवक हों या युवती, ये उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दौर चल रहा है. वे अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण समय में समृद्ध भारत के वाहक बनने का काम करें. उनके प्रयासों के आगे कोई भी रुकावट नहीं आए और रास्ते की हर बाधा हट सकें, ये मेरा प्रयास है.
देश के मूड की झलक भी मिल चुकी है
पीएम मोदी ने इंटरव्यू के क्रम में कुछ दिन पहले हुए विधानसभा चुनाव का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस जनादेश को दो पैमानों पर देखना चाहिए. पहली बात, ये लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही आया है और दूसरी बात यह कि जनादेश यूपीए का नया रूप आइएनडीआइए बनने के बाद जनता के द्वारा दिया गया है. एक प्रकार से आइएनडीआइए के लिए ये पहला टेस्ट था और इस टेस्ट में जनता ने विपक्षी गठबंधन को सबक सिखाया है. जनता ने अस्थिरता और स्वार्थ की राजनीति को पूरी तरह से नकार दिया है. इन चुनाव परिणामों से देश के मूड की झलक भी मिल चुकी है.