जो व्यक्ति जीवन में हमेशा अपनी विजय चाहता है उसे अपराजिता (Aprajita) के बेल माता को चढाने चाहिए। उसके बाद उस बेल को मौली की तरह अपने हाथों में बांध लेना चाहिए।
इस दिन शमी के पेड़ के निचे माता अपराजिता के पूजन के विधान भी है। यह पूजन आप अपने स्थानीय परंपरा के अनुसार भी कर सकते हैं।
दशहरा Aprajita Dussehra 2021) पूजा का मुहूर्त (Shubh Muhurat) 15 October 2021 को दोपहर 2:01 PM से 2:48 PM तक है।
ये देवी का प्रिय पुष्प है इसलिए ये नवरात्री में देवी के पूजन में प्रयुक्त होता है | ये सिर्फ दो रंगो में ही पाए जाते हैं: नीला और सफेद| इसका गहरा नीला रंग मन मोह लेता है |
विष्णुकांता, आस्फोता,विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, शंखपुष्पी, अश्वखुरा भी है|