Diwali 2021 : जानें धनतेरस, दिवाली, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज इस साल कब है
Diwali 2021: दशहरा का त्योहार समाप्त हो चुका है. अब लोग दिवाली की तैयारी में जुटने लगेंगे. कार्तिक मास (Kartik Month) की शुरुआत होते ही हर कोई दिवाली (Diwali) को लेकर प्लान बनाने लगता है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या (Kartik Month Amavasya) के दिन लोग दिाली मनाते है. हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत अधिक महत्व है.
पांच दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरूआत (5 Days Festival Diwali) धनतेरस के दिन से होती है जबकि भाई दूज के दिन इस पर्व का समापन होता है. इस साल इस पर्व की शुरुआत नवंबर में होने वाली है. दिवाली के दिन भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh Puja) और माता लक्ष्मी (Maa Lakshmi Puja) की विधि-विधान के साथ पूजा लोग करते हैं. धनतेरस, दिवाली, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भैय्या दूज की सही तारीख के बारे में आइए आपको बताते हैं….
धनतेरस कब है? (dhanteras kab hai)
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनतेरस का त्योहार लोग मनाते हैं. दिवाली की शुरुआत धनतेरस के त्योहार से होती है. इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021 को है. इस दिन दिन मंगलवार पड़ रहा है. इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. साथ ही कुबेर देव का पूजन भी लोग करते हैं.
महालक्ष्मी पूजा कब है? (mahalaxmi kab hai)
महालक्ष्मी पूजन इस साल 4 नवंबर को होगा. कार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़ी दिवाली या महालक्ष्मी पूजा लोग करते हैं. इस पावन दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को लोग प्रसन्न करते हैं और विधि- विधान से पूजा-अर्चना की जाती है, ताकि घर में मां लक्ष्मी की कृपा बरसे.
गोवर्धन पूजा कब है? (govardhan puja 2021)
महालक्ष्मी पूजन से अगले दिन गोवर्धन पूजा लोग करते हैं. इस साल 5 नवंबर के दिन गोवर्धन पूजा है. यही नहीं, इसे देश के कई हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने का प्रचलन है. ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों से भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ होता है.
भाई दूज कब है? (bhaiya dooj kab hai)
दिवाली पर्व का समापन भाई दूज के त्योहार के साथ हो जाता है. इस साल 6 नवंबर को भाई दूज पर्व पड रहा है. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं. इसे यम द्वितीया या भातृ द्वितीया भी लोग कहते हैं.