नये साल में सेहत के लिए करें ये जरूरी काम
कुछ दिनों के बाद यह साल समाप्त हो जाएगा और हम नये वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे. बीते वर्षों में कोरोना महामारी ने हमें परेशान किया है जिसकी वजह से हम सेहत के प्रति ज्यादा सजग हो गये है. नये वर्ष में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा लोगों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. ऐसे में विभिन्न रोगों से खुद को बचाये रखने के लिए आपको सतर्कता बरतनी होगी. जीवनशैली में कुछ सार्थक बदलाव लाएं और सेहत के लिए प्रमुख खतरों से दूर रहें.
कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरों के बीच आंकड़ों को देखें तो पायेंगे कि हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर जैसी नॉन-कॉम्युनिकेबल बीमारियों के अलावा टीबी, निमोनिया, लंग्स इन्फेक्शन जैसी प्रदूषणजनित रेस्परेटरी बीमारियों से लोगों की मौत कहीं अधिक हो रही है. इनसे बचने के लिए नये साल में स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं. इसकी शुरुआत आपको ओरल हेल्थ से करनी चाहिए.
यहां चर्चा कर दें कि अपने देश में अधिकांश लोग ओरल हेल्थ की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते. यहां सिर्फ दांतों की सफाई नहीं, बल्कि मसूड़ों की सेहत, जीभ की सफाई और मुंह में मौजूद ग्लैंड्स की सफाई व उनके स्वास्थ्य का ध्यान भी आपको रखने की जरूरत है. नहीं तो यह आगे चलकर कई बीमारियों की वजह बन सकती है. आइए अब आपको कुछ काम की बात बताते हैं…
-दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए
मुंह की सफाई का एक रूटीन फॉलो करने का काम करें. कम-से-कम दो से तीन मिनट तक दांतों को ब्रश करें. दांतों और मसूड़ों पर ब्रश को बिना ज्यादा प्रेशर लगाये गोल-गोल घुमाएं. उंगली से धीरे-धीरे मसूड़ों की मालिश करें, इससे मसूड़े मजबूत बनते हैं. दांतों के बीच फंसे भोजन के टुकड़ों, दांतों पर जमे प्लाक को निकालने के लिए फ्लॉस (धागे से दांतों की सफाई) भी करें.
-फास्ट फूड को रखें अपने से दूर
रेडी-टू-इट फूड्स यानी फास्ट फूड खाना ज्यादा सुविधाजनक है, लेकिन ये मुंह की सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं. मीठा कम खाएं. कोल्ड ड्रिंक से दूरी बनाएं. दूध या दूध से बनी चीजें, मांस, मछली आदि खाने के बाद मुंह अच्छी तरह साफ करें. पानी खूब पीएं. ताजा सब्जियां खाएं.
-तंबाकू को कहें बाय-बाय
तंबाकू से न सिर्फ दांतों की रंगत खराब होती है, बल्कि मुंह के कैंसर होने का भी खतरा इससे बना रहता है. धूम्रपान से मसूड़ों की बीमारी, मुंह से दुर्गंध, दांतों का पीला पड़ना जैसी समस्याएं भी होती हैं.
–डेंटिस्ट से मिलें
हर छह माह पर डेंटिस्ट के पास जाएं और अपनी दांतों को जांच करवाएं. दांतों की रूटीन जांच के दौरान मुंह की कई समस्याओं की जानकारी आपको होगी.