एक से 15 फरवरी के बीच भारत में कोरोना की तीसरी लहर होगी पीक पर
कोरोना वायरस के प्रसार का संकेत देने वाले ‘आर-जीरो’ वैल्यू को भारत में इस सप्ताह चार दर्ज किया गया है, जो यह संकेत देता है कि संक्रमण के प्रसार की दर बहुत अधिक है. आइआइटी, मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में तीसरी लहर के एक से 15 फरवरी के बीच चरम पर पहुंचने की संभावना जताई गई है.
आपको बता दें कि ‘आर-जीरो’ यह दिखाता है कि कोई संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों तक संक्रमण फैला सकता है. आइआइटी मद्रास के कंप्यूटेशनल मॉडलिंग के आधार पर 25 से 31 दिसंबर तक आर-जीरो राष्ट्रीय स्तर पर 2.9 के करीब था. इस हफ्ते यह चार हो गया है. आइआइटी मद्रास में गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ जयंत झा ने इस संबंध में कहा है कि अब आइसोलेशन के उपायों या पाबंदियां बढ़ाए जाने के साथ हो सकता है कि आर-जीरो कम हो जाए.
कोरोना के 1,59,632 नए मामले
रविवार को जो स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी किया उसके अनुसार भारत ने बीते 24 घंटों में कोरोना के 1,59,632 नए मामले सामने आये. वहीं कोरोना से 327 लोगों की मौत हुई. जबकि, कोरोना से 40,863 मरीज ठीक होकर घरों को लौट गये हैं. देश में कोरोना का दैनिक सकारात्मकता दर 10.21 फीसदी है. वहीं सक्रिय मामले की संख्या 5,90,611 है.
वैज्ञानिकों का अनुमान, 10 लाख केस मिलेंगे रोजाना
भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान बेंगलुरु के वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना वायरस के नये ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले जनवरी के तीसरे और चौथे हफ्ते में सबसे ज्यादा होंगे और फिर मार्च की शुरुआत होते-होते कम होने लगेंगे. संस्था ने कहा है कि रोजाना तीन लाख, छह लाख या फिर 10 लाख तक मामले देखने को मिल सकते हैं. यदि यह माना जाये कि 30% आबादी ही कोविड के खिलाफ ज्यादा कमजोर है या आसानी से चपेट में आ सकती है.