मंगल ग्रह से नमूने मंगायेगा नासा, खुलेंगे राज
Mars Mission: मंगल ग्रह का रहस्य सभी जानना चाहते हैं. यदि आप भी इसमें रुचि रखते हैं तो ये खबर आपके लिए खास है. जी हां…अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब मंगल ग्रह से नमूने लाने के लिए एक योजना बनायी है. उसने इस काम के लिए तकनीक, यंत्र और रॉकेट बनाने की जिम्मेदारी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन को सौंपी है. यह कंपनी ऐसा रॉकेट बनायेगी, जो नमूने लेकर मंगल की सतह से सीधे उड़ेगा और धरती पर आयेगा. इस नमूने की जांच से मंगल ग्रह के राज खुलेंगे और उसके बारे में सही जानकारी मिलेगी.
नासा ने इस काम के लिए कंपनी से 194 मिलियन डॉलर यानी 1455 करोड़ रुपये से अधिक की डील की है. नासा के मुताबिक, लॉकहीड मार्टिन मार्स एसेंट व्हीकल नामक रॉकेट बनायेगी. यह एक छोटा रॉकेट होगा, जो मंगल ग्रह से नमूने लेकर धरती पर आयेगा. नासा की योजना 2028 में मंगल ग्रह पर रॉकेट भेजने की है. मंगल से धरती तक आने में रॉकेट को करीब चार करोड़ मील लंबी यात्रा करनी होगी. ऐसा पहली बार होगा, जब एक रॉकेट धरती की जगह पर किसी दूसरे ग्रह से लॉन्च किया जायेगा. यह रॉकेट नासा के पर्सिवरेंस रोवर के लाल ग्रह से इकट्ठा किये हुए नमूनों को वापस लेकर धरती पर आयेगा.
मंगल ग्रह से नमूनों को वापस लाने का यह पूरा प्रोजेक्ट नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने मिल कर तैयार किया है. नासा के एक वैज्ञानिक थॉमस जुर्बुचेन ने कहा कि मंगल ग्रह के लिए मार्स एसेंट व्हीकल बनाना एक बड़ा कदम है. यह सिर्फ मंगल पर उतरने के लिए नहीं, बल्कि वहां से कुछ लाने के लिए बनाया गया है. इससे अंतरिक्ष विज्ञान का इतिहास बदल जायेगा. अब लॉकहीड मार्टिन इस मिशन को पूरा करने के लिए जरूरी यंत्रों, रॉकेटों का निर्माण करेगी व परीक्षण करेगी. इसके बाद उसे मंगल ग्रह की तरफ रवाना किया जायेगा.
2028 में मार्स एसेंट व्हीकल नामक रॉकेट भेजा जायेगा
नासा ने फरवरी 2021 में पर्सिवरेंस रोवर भेज कर इस हिस्से को पूरा किया था. इस छह पहिये वाले रोवर ने नमूनों की जांच की है, लेकिन वहां पर जांच में परेशानी आ रही है. इसलिए नासा मार्स एसेंट व्हीकल को भेज रहा है. यह रॉकेट मंगल की कक्षा में चक्कर लगा रहे अर्थ रिटर्न ऑर्बिटर से जाकर जुड़ जायेगा. इसके बाद ऑर्बिटर इसे लेकर धरती की ओर लायेगा. ये काम पूरा होने में साल 2030 हो जायेगा.