साइबर क्राइम से बचना चाहते हैं तो जान लें ये खास बातें
इंटरनेट का इस्तेमाल जितना ज्यादा हो रहा है. उतना ही सुविधा के साथ इसकी परेशानियां भी बढ़ रही है. इसमें कई फ्रॉड भी सामने आ रहे हैं. ओटीपी फ्रॉड, इंश्योरेंस फ्रॉड, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, सोशल मीडिया फ्रॉड, लॉटरी फ्रॉड, यूपीआइ फ्रॉड जैसे मामले हर दिन साइबर सेल या साइबर थाना में आ रहे हैं. इसलिए इंटरनेट का इस्तेमाल सुरक्षा का ध्यान रखते हुए करना चाहिए.
बच्चों में साइबर बुलिंग की परेशानी ज्यादा बढ़ी: बच्चे इन दिनों ऑनलाइन क्लास के कारण इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए साइबर मेंटल की भी परेशानी उन्हें झेलनी पड़ रही है. साइबर एक्सपर्ट के अनुसार इन दिनों बच्चे साइबर बुलिंग की शिकार भी ज्यादा हो रहे हैं. इसलिए ध्यान से मोबाइल का इस्तेमाल करें. किसी भी अजनबी से बात न करें. कोई भी अजनबी आपकी जानकारी मांगता है, तो शिक्षक और अभिभावक को जरूर बतायें. दोस्त सीमित बनायें और मोबाइल पर एक्टिविटी काफी कम रखें.
-अपने यूजर नेम और पासवर्ड को किसी के साथ साझा न करें
-अपने यूजर नेम और पासवर्ड को किसी के साथ साझा न करें.
-अपने सोशल मीडिया या बैंक से जुड़े ऐप को किसी दूसरे के मोबाइल व कंप्यूटर से इस्तेमाल न करें.
-मजबूत पासवर्ड तैयार करने के लिए अपरकेस, लोवर केस, स्पेशल कैरेक्टर, अंकों का इस्तेमाल करें.
-अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें.
-मोबाइल व कंप्यूटर में निश्चित रूप से एंटी वायरस का इस्तेमाल करें.
-ऐप व सॉफ्टवेयर को नियमित अपडेट रखें, सुरक्षा के लिए वन-टू-वन एन्क्रिप्शन को प्राथमिकता दें.
इन बातों को हमेशा रखें याद
-किसी भी अज्ञात लिंक या यूआरएस पर क्लिक न करें.
-ज्यादा छूट या कैशबैक ऑफर के झांसे में न आयें.
-लॉटरी के नाम पर होनेवाली धोखाधड़ी से सावधान रहें.
-साइबर ठग चैनल पीड़ित को इ-मेल या एसएमएस भेजकर लुभाने का प्रयास करते हैं, जिसमें कहा जाता है कि आप कहीं विजेता के रूप में चुने गये हैं. ऐसे इमेल और एसएमएस को अनदेखा करें.
-मोबाइल पर आये कोड को किसी अनजान व्यक्ति को फॉरवर्ड न करें.
-किसी अनजान व्यक्ति को बैंकिंग में संबंधित जानकारी जैसे ओटीपी, क्रेडिट डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर आदि शेयर न करें
दो वर्षों में बढ़े हैं धोखाधड़ी के मामले : साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर पर आये दिन धोखाधड़ी से जुड़ी कॉल आती है. लेकिन कोरोना काल में इस तरह के मामलों की संख्या चार गुना बढ़ गयी है. इसमें साइबर बुलिंग, फाइनेंसियल, फेक प्रोफाइल, ओटीपी, लॉटरी फ्रॉड आदि जुड़े हुए हैं. इसलिए मजबूत पासवर्ड चुनें
एक्सपर्ट कहते हैं : अधिकतर लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में एक जैसा ही पासवर्ड डालते हैं. इस कारण हैकर्स एक ही पासवर्ड से सभी अकाउंट हैक कर सकते हैं. इसलिए हमेशा अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे हैकिंग की संभावना कम हो सकती है.
अपने मोबाइल फोन का सॉफ्टवेयर अपडेट रखें : साइबर एक्सपर्ट के अनुसार फ्रॉड हर तरह के लोगों के साथ हो रहा है. इंटरनेट इस्तेमाल में जितना आसान है, उतनी ज्यादा परेशानी भी बढ़ा देता है. इसलिए इंटरनेट का सुरक्षित इस्तेमाल बेहद जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि किसी भी सूचना को शेयर न करें. क्योंकि अपराधी नये-नये तरीके खोजते रहते हैं. इसलिए हमेशा अपने फोन को अपडेट रखें. सॉफ्टवेयर को अपडेट रखते रहें. पासवर्ड आठ कैरेक्टर से ज्यादा रखें. आपके मोबाइल में जो भी ऐप है, उसके सॉफ्टवेयर को अपडेट रखने की कोशिश करें. सामूहिक जगहों पर लगी वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें. चार्जिंग प्वाइंट पर भी कई जरूरी जानकारी लीक हो जाती है, इसलिए इसका भी ध्यान रखें. कोशिश करें कि टू स्टेप वेरिफिकेशन मोबाइल में जरूर रखें.
एक्सपर्ट की बात
-जानकार बताते हैं कि आये दिन धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए मोबाइल फोन को हमेशा अपडेट रखें. मोबाइल में एंटी वायरस रखें. ओटीपी शेयर न करें. केवाइसी की गाइडलाइन को फॉलो करें. साथ ही किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए खुद की सावधानी सबसे ज्यादा जरूरी है. इसलिए फोन पर कोई भी जानकारी शेयर न करें.
-जानकार बताते हैं कि फाइनेंसियल, स्पेशल ऑफर देकर भी फ्रॉड किये जा रहे हैं. इन दिनों व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से भी फ्रॉड हो रहे हैं. इसलिए सावधानी रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसके बाद भी यदि कोई घटना होती है, तो इसकी सूचना 24 घंटे के अंदर दे सकते हैं. cybercrime.gov.in पर भी सूचना दे सकते हैं.
बच्चों के लिए यह है जरूरी
-इंटरनेट इस्तेमाल करने के दौरान बच्चे कभी अपना पूरा नाम, पता, फोन नंबर और स्कूल का नाम न बतायें
-वरीय सदस्य के सामने ही इंटरनेट का इस्तेमाल करें
-किसी भी तरह के भ्रामक व उदास करनेवाले कंटेंट दिखने पर माता-पिता या शिक्षक से साझा करें
-अनजान व्यक्ति के साथ कभी अपनी तस्वीर या
-वीडियो साझा न करें
-बड़ों की देखरेख में ही इंटरनेट से कुछ डाउनलोड करेे
-स्कूली विद्यार्थी अगर इंटरनेट पर लगातार परेशान किये जा रहे हैं, तो इसकी जानकारी किसी बड़े को दें
-इन विकल्पों से करते हैं ठगी इमेल, चैट रूम, असुरक्षित वेबसाइट (जिन वेबसाइट में लॉक का साइन न बना हो उनका इस्तेमाल न करें), मैसेज बोर्ड, पोर्टल, वेब एप्लीकेशन.