Tuesday, November 26, 2024
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‘चिकन सैंडविच पर रहता है कांग्रेस नेताओं का ध्यान’, हार्दिक पटेल ने ऐसा क्‍यों कहा

Hardik Patel Resign : गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दरअसल कांग्रेस को झटका हार्दिक पटेल ने इस्‍तीफा देकर दिया है. कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल के भाजपा में जानें के कयास लगाये जा रहे हैं. पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गये त्यागपत्र को ट्विटर पर पोस्ट किया और पार्टी पर कई तरह के आरोप लगाने का काम किया. यही नहीं उन्होंने मोदी सरकार के कामों की जमकर तारीफ की. अपने इस्‍तीफे में हार्दिक पटेल ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं का ध्‍यान सिर्फ चिकन सैंडविच पर रहता है.

चिकन सैंडविच पर रहता है कांग्रेस नेताओं का ध्यान
अपने त्‍याग पत्र में हार्दिक पटेल ने एक जगह लिखा है कि बहुत बार प्रयास के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने के कारण मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं. देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व की उम्मीद रखते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति पर विश्‍वास करती है. जबकि, देश के लोगों को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहिए जो भविष्य को संवार सके. आगे हार्दिक पटेल ने लिखा कि हमारे कार्यकर्ता अपना खर्च करते हैं और 500 से 600 किमी की यात्रा करते हैं. ये जनता के बीच जाते हैं. यहां वे देखते हैं कि गुजरात कांग्रेस के बड़े नेताओं का ध्यान सिर्फ इस बात पर रहता है कि दिल्ली से आए नेता को चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं.

मोदी सरकार की जमकर तारीफ से उठे सवाल
हार्दिक पटेल के त्‍याग पत्र में एक जगह मोदी सरकार की तारीफ नजर आ रही है. उन्होंने सीधे तौर पर मोदी सरकार या भाजपा का नाम तो नहीं लिया, लेकिन अपने इस्तीफे में पाटीदार नेता ने कई ऐसी बातों का जिक्र किया जिससे कयास लगाये जा रहे हैं कि वे भाजपा पर विश्‍वास दिखा सकते हैं और भाजपा में शामिल हो सकते हैं. अपने त्‍याग पत्र में हार्दिक पटेल ने लिखा कि अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हो या जीएसटी लागू करने का निर्णय…देश लंबे समय से इन समस्याओं का समाधान तलाश रहा था. कांग्रेस पार्टी केवल इसमें बाधा डालती रही. पाटीदार नेता ने आरोप लगाया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में एक कमी है जो है गंभीरता…मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा उनका ध्यान गुजरात के लोगों से ज्यादा अपने मोबाइल और अन्‍य चीजों पर रहा. जब देश में संकट था तो हमारे नेता विदेश के दौरे पर थे.