बंटवारे में बिछुड़े भाई बहन को 75 साल बाद यूट्यूबर ने कुछ यूं मिलाया
तस्वीर टाइम्स ऑफ इंडिया से ली गयी है
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे ने कई परिवारों को दुखी तो किया साथ ही अपनों को भी अपनों से जुदा कर दिया. तमाम जिंदगियां तबाह हुईं, सैकड़ों-लाखों लोगों को इसके दर्द का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा. कई लोग अपने घर को छोड़ पलायन करने पर मजबूर हो गये थे. कई लोग छूट गये. ऐसी ही एक कहानी भाई बहन की सामने आई है जिसे अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रकाशित की है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि रक्षा बंधन से पहले पाकिस्तान के एक यूट्यूबर ने दो भाई-बहनों को मिलवाने का काम किया है. भाई जिन्हें अब गुरमेल सिंह के नाम से जाना जाता है, लुधियाना के जस्सोवाल स्थित एक गांव में रहते हैं, जबकि उनकी बहन सकीना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखूपुरा में रहती हैं.
अंग्रेजी वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तानी यू-ट्यूबर नासिर ढिल्लो ने एक कैंपेन के तहत यह खोज पूरी की है और अब दोनों को खोज निकाला है. नासिर ने बताया कि सकीना की कहानी सुनकर उन्होंने यह यूट्यूब पर अपलोड कर दी और यहां जस्सोवाल में रह रहे गुरमेल सिंह तक यह बात पहुंच गयी. खबर में बताया गया है कि दोनों ने फोन पर एक-दूसरे से बातचीत की है. बताया गया है कि दोनों भाई-बहन रक्षाबंधन के दिन एक-दूसरे से वीडियो पर बात करेंगे. पंजाब के गांव जस्सोवाल सूदां की महिला सरपंच गुरमीत कौर के पति जगतार सिंह ने बताया कि पाकिस्तान के यूट्यूबर नासिर ढिल्लों का उन्हें फोन आया था.
उसने कहा कि आपके गांव से पाकिस्तान आयी सकीना बीबी का कहना है कि उनका भाई जस्सोवाल में रह गया था. क्या आप उसकी तलाश कर सकते हैं. इस सबंध में पहले गांव का भजन सिंह पाकिस्तान में चिट्ठियां लिखा करता था. उनसे इस बारे में पता किया जा सकता है. जगतार सिंह ने गांव के भजन सिंह से बात की. लेकिन, उनमें से किसी ने भी पाकिस्तान में कोई पत्र नहीं लिखा था. बाद में पता चला कि जो भजन सिंह पाकिस्तान में पत्र लिखा करता था, वह अब नहीं रहा. जगतार सिंह ने गुरमेल सिंह की तलाश शुरू कर दी. बाद में पता चला कि उनके गांव का बुजुर्ग गुरमेल सिंह ग्रेवाल ही सकीना बीबी का भाई है. जगतार सिंह ने बताया कि 1947 के समय सकीना के पिता पाकिस्तान चले गये थे. लेकिन, उनकी मां व भाई भारत में ही रह गये थे. सकीना का जन्म पाकिस्तान में 1955 में हुआ.
कुछ समय बाद पाकिस्तान की पुलिस आयी और सकीना की मां को अपने साथ ले गयी. गुरमेल खेलने गया हुआ था, जिस कारण वह वहीं रह गया. बाद में उसको गांव के ही ग्रेवाल परिवार ने अपना लिया और उसका नाम गुरमेल सिंह ग्रेवाल रख दिया. जगतार सिंह ने बताया कि जब गुरमेल की बात सकीना से करायी गयी, तो वह फूट-फूट कर रोने लगा और उसको कहा कि वह ही उसका भाई है. बाद में गुरमेल ने सरपंच पति को कहा कि वह जब अपनी बहन से मिलने के लिए पाकिस्तान जायेगा, तो बिस्कुट लेकर जायेगा. फिलहाल सकीना एक सर्जरी के लिए अस्पताल में है. जल्द ही उसके स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्जार्च होने की उम्मीद है.