हाथीपांव मरीजों को दिया गया एमएमडीपी किट
गया : सदर प्रखंड में हाथीपांव से प्रभावित मरीजों को विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है. इस क्रम में चांकद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक कार्यक्रम का आयोजन कर फाइलेरिया के गंभीर मरीजों के बीच एमएमडीपी यानि मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन किट का वितरण किया गया. इस दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे. इस दौरान सात फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट दिया गया. डॉ एमई हक ने फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट के इस्तेमाल करने की विधि बतायी.
जख्म व चोट से हाथीपांव को जरूर बचायें:
डॉ एमई हक ने बताया कि एमएमडीपी किट में टब, जग, तौलिया, कॉटन और आवश्यक मलहम तथा दवा मौजूद होते हैं, जिसे हाथीपांव से प्रभावित अंगों को धोकर लगाया जाता है. इस एमएमडीपी किट का इस्तेमाल हाथीपांव के मरीज अपने प्रभावित पैर की बेहतर देखभाल के लिए कर सकेंगे. कहा कि फाइलेरिया मरीजों को नियमित रूप से पांवों की साफ—सफाई रखने की रखनी है और हाथीपांव प्रभावित अंग को जख्म या चोट से बचाना है. चोट या जख्म होने पर यदि सही प्रकार से इसकी देखरेख नहीं की गयी तो यह खतरनाक रूप ले लेता है. जख्म होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में चिकित्सक को दिखाएं. फाइलेरिया रोगियों को चिह्नित करने और उनके बीच एमएमडीपी किट वितरित करने के कार्य में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च की भी मदद मिल रही