टीबी उन्मूलन की दिशा में सीएचओ की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
गया : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला में टीबी रोगियों को चिन्हित करने के काम को गति देने के लिए सीएचओ यानी कम्युनिटी हेल्थ अफसरों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. सीएचओ अपने क्षेत्र में टीबी रोगियों को चिन्हित करने, उनकी जांच व इलाज, दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने, रोगी द्वारा नियमित दवा सेवन करने, टीबी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने, टीबी मुक्त पंचायत बनाने जैसे कामों में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे. सीएचओ आशा तथा एएनएम के साथ सामंजस्य बना कर काम करेंगे.
कम्युनिटी हेल्थ अफसरों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने क्षेत्र में टीबी टेस्टिंग को बढ़ाएंगे. यह बातें जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नीलेश कुमार ने बोधगया के एक निजी होटल में यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के तहत कम्युनिटी हेल्थ पदाधिकारियों के टीबी को लेकर आयोजित एक उन्मुखी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही. रीच संस्था द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान संस्था के राज्य समन्वयक रजनीश कुमार दूबे तथा टीबी मुक्ति वाहिनी से शारदा मौजूद रहीं. सीएचओ का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन चरणों में होगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन आमस, बांकेबाजार, बाराचट्टी, बोधगया, अतरी, बेलागंज तथा डोभी प्रखंडों के सीएचओ मौजूद रहे.
टीबी ट्रीटमेंट सक्सेस रेट में जिला तीसरे स्थान पर:
डीपीएम ने बताया कि राज्य में टीबी ट्रीटमेंट सक्सेस रेट की रैंकिंग में जिला तीसरे स्थान पर है. राज्य सरकार द्वारा गया जिला को टीबी ट्रीटमेंट सक्सेस रेट वर्ष 2022 के लिए तीसरा पुरस्कार हाल में पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मिला है. डीपीएम ने बताया कि जिला में टीबी ट्रीटमेंट सक्सेस रेट 88 प्रतिशत है. यानि 88 प्रतिशत टीबी रोगियों को चिन्हित करने के साथ उनका इलाज कर स्वस्थ किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि टीबी की जांच के लिए अपने प्रखंड के एसटीएस से संपर्क करें तथा अपने क्षेत्र में टीबी टेस्ट ड्राइव चलाएं. मरीजों को बताएं कि टीबी शत प्रतिशत ठीक होने वाला रोग है.
सभी सीएचओ के साथ काम करेंगे टीबी चैंपियंस:
राज्य समन्वयक रजनीश दूबे ने प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को बताया कि टीबी संक्रमण को रोकने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों से बातचीत कर उन्हें जागरूक करें. टीबी संक्रमण के कारणों की जानकारी दें तथा लोगों से कहें कि यदि लंबे समय तक किसी भी व्यक्ति को खांसी है, रात में पसीना आता है तो इसकी जानकारी आशा, एएनएम और सीएचओ को दें ताकि उसके बलगम की जांच करायी जा सके और टीबी की पुष्टि होने पर उनका इलाज प्रारंभ किया जा सके. बताया कि टीबी रोग से उबर चुके लोगों को टीबी चैंपियन के रूप में टीबी के दूसरे मरीजों को काउंसलिंग तथा इलाज सुविधा में मदद पहुंचाई जा रही है. सभी सीएचओ के अंदर दो टीबी चैंपियन काम करेंगे.