Friday, November 15, 2024
धर्म-कर्म

Navratri 2020 : नि:संतानों की मनोकामना पूरी करती है मां, करें इस चीज का दान

Navratri 2020…शारदीय नवरात्र(Durga Puja 2020) में महाष्टमी की तिथि सबसे महत्वपूर्ण बताई गई है, क्योंकि इस दिन करूणामयी मां महागौरी (Mahagauri) को भक्त प्रसन्न करने का पूरा प्रयास करते हैं. मां सहज अपने आशीर्वाद से सबकी झोली भर देती हैं. इस तिथि की बात करें तो यह 24 अक्टूबर दिन शनिवार को है. अष्टमी को नारियल दान में देने का विधान सदियों से चला आ रहा है.

ऐसी मान्यता है कि मां को नारियल का भोग लगाने से नि:संतानों की मनोकामना स्वत: पूरी हो जाती है. आप अष्टमी को विविध प्रकार से भगवती जगदंबा का पूजन कर रात्रि को जागरण करें और स्वजनों के साथ भजन, कीर्तन करें. नवमी को विधिपूर्वक पूजा-हवन कर 9 कन्याओं को भोजन कराना चाहिए.

नवरात्रि के दौरान अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. इस कोरोना काल में कन्याओं को घर पर बुलाना संभव न हो, तो घर की बेटी, भांजी या भतीजी की पूजा करने का आप काम करें. कन्याओं की आयु 10 वर्ष से कम हो. यदि घर में बालक है, तो उसे भी पूजन में बैठाना चाहिए. दरअसल, बालक की बटुक भैरव के रूप में पूजा की जाती है. पुरानों में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ में माता की सेवा के  लिए बटुक भैरव को तैनात करने का काम किया है. शक्तिपीठ में मां के दर्शन के बाद भैरव दर्शन न हो, तो दर्शन अधूरा ही रह जाता है.

संधि-पूजा की बात : आश्विन शुक्ल महाष्टमी के दिन संधि पूजा का विशेष महत्व है. इस मुहूर्त को अतिबलशाली बताया गया है. यह अष्टमी तिथि के आखिरी 24 मिनट और नवमी तिथि शुरू होने के 24 मिनट बाद तक की जाती है. शास्त्रों की मानें तो, मां चामुण्डा और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध के दौरान चण्ड और मुण्ड दो राक्षसों ने माता की पीठ पर पीछे से घात करने का काम किया. क्रोध से माता का मुख नीला पड़ गया और उन्होंने दोनों राक्षसों का वध कर दिया. यह समय संधि-काल का ही बताया जाता है. पूजा में मां को 108 दीपक और 108 कमल फूल अर्पित करने का काम आप  करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *