इस्लाम स्वीकार कर लिया, लेकिन श्रीराम को भुलाया नहीं
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर नजर आ रहा है. हर कोई इसका हिस्सा बनने को इच्छुक है. इस समारोह को भव्य बनाने के लिए देश-विदेश से उपहार अयोध्या पहुंचने लगे हैं. विदेशों में भी राम के चर्चे हो रहे हैं. इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक वीडियो वायरल है जिसमें वे राम मंदिर के बारे में कुछ बताते दिख रहे हैं. वे किसी कार्यक्रम में कहते दिख रहे हैं कि एक विदेशी आए. कहने लगे कि ये रामजन्मभूमि का क्या झगड़ा है ? हमने कहा कि इस पर विवाद हो रहा है कि श्री राम कहां पैदा हुए थे और जहां पैदा हुए थे वो स्थान उनके मंदिर के लिए प्रयुक्त किया जाए या नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह इंडोनेशिया से आए थे. वह मुसलमान हैं. कहने लगे कि हम तो समझते थे कि राम के लिए सारे भारत में आदर होगा.
आगे का किस्सा सुनाते हुए वाजपेयी ने कहा कि इतना सुनते ही हमने कहा कि ये आपने कैसे समझा? तो वे कहने लगे कि आप तो इंडोनेशिया में आ चुके हैं…. वहां बहुत से लोगों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया, लेकिन श्रीराम को भुलाया नहीं…. इंडोनेशिया के बाली द्वीप में एक महीने रामायण की लीला का मंचन किया जाता है.
वाजपेयी ने कहा कि मैं उस समारोह में जा चुका हूं. उस समय भी विदेश मंत्री मेरे पास बैठे थे. मैंने कहा कि ये मंच क्या हो रहा है. वह बोले कि आपको तो पता होना चाहिए. मैंने कहा कि मैं तो जानता हूं लेकिन आपसे जानना चाहता हूं. इंडोनेशिया के विदेश मंत्री बोले कि यह रामायण है. मंच पर यह राम हैं, लक्ष्मण हैं, सीता हैं. मैंने कहा कि इनसे आपका क्या संबंध है, आप तो मुसलमान हैं. वह कहने लगे कि हमारा संबंध बहुत पुराना है. हमारा तब का संबंध है जब हम मुसलमान नहीं हुए थे.
प्राण प्रतिष्ठा के दिन मॉरीशस में दो घंटे की विशेष छुट्टी
मॉरीशस में भी सरकार राम को लेकर अच्छी सोच रखती है. यही वजह है कि वहां अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन यानी 22 जनवरी को हिंदुओं के लिए दो घंटे की विशेष छुट्टी का एलान किया गया है. मॉरीशस सरकार के कैबिनेट ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक बयान के अनुसार, कैबिनेट हिंदू अधिकारियों के लिए दो घंटे की विशेष छुट्टी देने पर सहमत हुआ है. यह एक ऐतिहासिक घटना है, जो अयोध्या में भगवान श्रीराम की वापसी जैसा है. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ ने कैबिनेट के इस फैसले पर कहा कि यह भावनाओं और परंपराओं के सम्मान का छोटा-सा प्रयास है. लगभग 13 लाख की आबादी वाले मॉरीशस में 48.5 प्रतिशत से अधिक लोग हिंदू हैं.