प्रमाण पत्र की मदद से हाथीपांव मरीज ले सकेंगे योजनाओं का लाभ
नवादा: स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाथीपांव के मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल कर सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने की कवायद की जा रही है. इसमें मुख्य रूप से मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिलाने की योजना को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत सोमवार को फाइलेरिया विभाग द्वारा हाथीपांव प्रभावित दो मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र सौंपा गया. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आफताब कलीम द्वारा हाथीपांव के दो मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिये गये. उन्होंने बताया कि सीता देवी और कुंती देवी नामक दो हाथीपांव प्रभावित महिलाओं को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिये गये हैं. हाथीपांव के मरीजों को ये प्रमाण पत्र भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा जारी किये गये हैं.
हाथीपांव मरीज भी हुए दिव्यांग में शामिल:
डॉ आफताब कलीम ने बताया कि जिला के विभिन्न प्रखंडों में हाथीपांव के मरीजों को खोजने का अभियान चल रहा है. ऐसे कई मरीज जो हाथीपांव के गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनकी जांच कर उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किये जायेंगे. चालीस प्रतिशत से अधिक अपंगता मिलने पर हाथीपांव के मरीजों को यह दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है. दिव्यांगता का प्रतिशत फाइलेरिया की गंभीरता और शारीरिक क्रियाकलापों में असुविधा देख कर दिया जाता है.
दिव्यांगता प्रमाण पत्र की मदद लेंगे लाभ:
उन्होंने बताया हाथीपांव के मरीज जिन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है, वे इस प्रमाण पत्र की मदद से राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ समान रूप से ले सकते हैं. इनमें रेलवे यात्रा के दौरान मिलने वाली छूट, विकलांगता पेंशन तथा अन्य प्रकार के लाभ शामिल हैं. राज्य आयुक्त नि:शक्तता द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि हाथीपांव से ग्रसित मरीज को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया जाये. हाथीपांव की गंभीरता के आधार पर इसकी श्रेणी तय कर दिव्यांगता प्रमाणपत्र प्राप्त निर्गत करने में मरीजों की हर संभव मदद की जाए. फाइलेरिया विभाग आकर इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है.