‘प्रलय’ मिसाइल : दुश्मन सेना के बंकर, तोप व बेस पल भर में ही होंगे तबाह
भारत ने 23 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन ओडिशा तट के पास सतह से सतह पर मार करने में सक्षम स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का सफल परीक्षण करने का काम किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार लगातार दो दिन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सफलता पाई.डीआरडीओ ने कहा कि आज, हथियार की सटीकता तथा मारक क्षमता को साबित करने के लिए भारी ‘पेलोड’ और विभिन्न रेंज के लिए ‘प्रलय’ मिसाइल का परीक्षण किया गया. आपको बता दें कि भारत ने बुधवार को बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का पहला सफल परीक्षण किया था.‘प्रलय’ मिसाइल की खास बात -इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है.
-ठोस ईंधन, युद्धक मिसाइल ‘प्रलय’ भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के ‘पृथ्वी रक्षा वाहन’ पर आधारित है.
-यह मिसाइल 500 किमी तक की दूरी पर दुश्मन के टारगेट को बर्बाद कर सकती है. -यह दुश्मन के बंकरों, तोपों, बेस को पल भर में तबाह कर देगी.
-150 से 500 किमी की दूरी पर स्थित दुश्मन के ठिकाने को कर देगी तबाह
-500 से 1000 किलोग्राम तक के पारंपरिक हथियार से कर सकती है वार
-5 टन है वजन
-सतह से सतह पर मार करने में सक्षम
-‘प्रलय’ मिसाइल सॉलिड प्रोपेलेंट फ्यूल और नयी तकनीक से लैस
इनर्शियल गाइंडेंस सिस्टम पर चलने में सक्षम : मिसाइल के वारहेड में हाइ एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक, केमिकल वेपन और रणनीतिक परमाणु हथियार भी लगाये जा सकते हैं
पहले परीक्षण के लिए डीआरडीओ और इससे जुड़ी टीम को बधाई. सतह से सतह पर मार करने वाले आधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए मैं बधाई देता हूं. आज महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गयी.
राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री