Makar Sankranti 2022 Date: मकर संक्रांति 14 जनवरी को या 15 को? जानें उत्तम तिथि, स्नान, दान का मुहूर्त
Makar Sankranti 2022 Date : मकर संक्रांति के पर्व को लेकर लोग ये सोच में पड गये हैं कि ये 14 जनवरी को मनाई जाएगी या 15 जनवरी को ? मकर संक्रांति पर इस साल लोग दो तिथियों को लेकर असमंजस में हैं. अपके इस संशय को दूर करना जरूरी है. आपको बता दें कि मकर संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गोचर करने जा रहें हैं.
ज्योतिष के मुताबिक सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करते हैं, तो इसी दिन पुण्यकाल माना जाता है. 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल विशेष महत्व रखता है. मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पूजन का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं. साथ ही धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं.
इस दिन को मकर संक्रांति क्यों कहा जाता है ?
आपको बता दें कि मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करने की वजह से ही इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है. इस पर्व के साथ ही करीब एक महीने से जारी खरमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य की शुरूआत होती है.
मकर संक्रांति मुहूर्त की बात (Makar Sankranti Shubh Muhurat)
मकर संक्रांति की बात करें तो इसका पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है. इस साल पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इस दिन स्नान, दान, जाप कर सकते हैं. वहीं स्थिर लग्न यानि महापुण्य काल मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
मकर संक्रांति के दिन कैसे करें पूजा
मकर संक्रांति के दिन पूजा विधि की बात करें तो पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ होता है लेकिन यदि ऐसा संभव न हो तो इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करने का काम करें. स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य जरूर दें. लाल फूल और अक्षत चढ़ाने का काम करें. सूर्य बीज मंत्र का जाप करें. इस दिन गीता पाठ करना भी विशेष फलकारी होता है.
मकर संक्रांति पर क्या दान करें
मकर संक्रांति के दिन दान को महादान की श्रेणी में रखा जाता है. इस दिन किए गए दान से महापुण्य की प्राप्ति आपको होगी. मकर संक्रांति के दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल, घी जैसी चीजें जरूरतमंदों और ब्रह्मण को दान देना शुभ माना जाता है.