Tuesday, November 26, 2024
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Raksha Bandhan 2022 Date: कब है रक्षाबंधन? भद्रा के कारण संशय, यहां जानें सही तारीख

Raksha Bandhan 2022 Date: सावन शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाने वाला भाई-बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन को लेकर इस बार संशय बना हुआ है. लोग गूगल में सर्च कर रहे हैं कि राखी कब है ? दरअसल इस बार रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन मनाया जायेगा. इस पर्व को लेकर पंचांग एक मत नहीं नजर आ रहे हैं. पूर्णिमा की तिथि और भद्रा की मौजूदगी इसके पीछे की मुख्य वजह बतायी जा रही है.

हृषिकेश पंचांग की मानें तो 11 अगस्त (गुरुवार) की रात 08:25 बजे भद्रा की समाप्ति के बाद राखी बांधी जायेगी. वहीं, बनारसी पंचांग पर नजर डालें तो 11 अगस्त की रात लगभग साढ़े आठ बजे भद्रा के खत्म होने से लेकर अगले दिन शुक्रवार को सुबह 07:16 बजे तक पूर्णिमा तिथि की उपस्थिति में रक्षाबंधन का शुभ कार्य लोग कर सकेंगे. वहीं, मिथिला पंचांग के आधार पर 12 अगस्त (शुक्रवार) को बहन अपने भाई को राखी बांध सकेंगी. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार भद्रारहित पूर्णिमा में दिन-रात किसी भी समय राखी बांधने की परंपरा है.

राखी पर ग्रह-गोचरों के अद्भुत संयोग के बारे में जानें
शास्त्र के जानकारों ने बताया है कि सावन शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन पर ग्रह-गोचरों का अद्भुत संयोग इस बार बना है. 11 अगस्त को व्रत की पूर्णिमा के दिन पूरे दिन सिद्ध योग के साथ श्रवण नक्षत्र रहेगा. फिर स्नान-दान की पूर्णिमा 12 अगस्त को धनिष्ठा नक्षत्र के साथ सौभाग्य योग एवं सिद्ध योग भी विद्यमान रहेंगे. इस प्रकार देखा जाए तो सावन की पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग बन रहा रहा है. इस उत्तम संयोग में राखी बांधने से ऐश्वर्य और सौभाग्य की वृद्धि होगी. शास्त्रों में भद्रारहित काल में ही राखी बांधने का प्रचलन सदियों से रहा है. ऐसा माना जाता है कि भद्रारहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.

भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित
पंचांगों के हवाले से जानकार बताते हैं कि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा अन्य कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य भद्रा में करना वर्जित होता है. इससे अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है. पौराणिक कथा की मानें तो भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है. जिस तरह से शनि का स्वभाव क्रूर और क्रोधी है, उसी प्रकार से भद्रा का स्वभाव भी बताया जाता है. इस वजह से इस समय शुभ कार्य वर्जित हैं.

पूर्णिमा तिथि दो दिन, उदया तिथि के कारण रक्षा बंधन 12 अगस्त को
ज्योतिर्विदों की मानें तो, इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन 11 व 12 अगस्त को पड़ने वाली है, इसलिए राखी के त्योहार को लेकर लोगों के मन में संशय है. सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09 बज कर 13 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 12 अगस्त को 07 बज कर 5 मिनट पर समाप्त होगी. इस लिहाज से 12 अगस्त को उदया तिथि होने के बाद रक्षा बंधन 12 को मनाया जायेगा.