डोंगाधरा : छत्तीसगढ़ की ऐसी जगह मानों आप शिव की शरण में हैं
Shivratri 2022 : यदि किसी से सवाल किया जाए कि शिव का निवास कहां हैं…तो इस सवाल का जवाब आता है कैलाश…लेकिन आज हम आपको ऐसी जगह लेकर जा रहे हैं जो जंगल के बीच में हैं और यहां नदी के किनारे शिव विराज मान हैं. जी हां…आज हम आपको छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला लिये चलते हैं. यहां के कोतबा नामक जगह में एक स्थान है जिसे लोग डोंगाधरा के नाम से जानते हैं. पुरानी मान्यता के अनुसार यहां एक नाव आकर किसी जमाने में पलट गई थी जिसकी वजह से इस गांव का नाम डोंगाधरा पड़ा.
डोंगाधरा का मंदिर काफी पुराना है जिसका जीर्णोद्धार जशपुर के राज परिवार ने 1950 के दशक में करवाया था. यहां जानें के लिए आपको काफी मशक्कत करनी होगी. लेकिन जब आप इस जगह पर एक बार पहुंच जाएंगे तो ऐसा लगेगा मानों आप भगवान शिव की शरण में आ गये हैं और वहीं शिव की भक्ति में रम जाएं. यहां शिवरात्रि के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों लोग पहुंचते हैं. इस आयोजन को यहां के स्थानीय लोग खुद आयोजित करते हैं. इसकी तैयारी कई दिनों से की जा रही है.
यहां के पुजारी ने बताया कि ये आजादी के के पहले का मंदिर है. 1930 के दशक में यहां शिवलिंग स्थापित हुआ और लोग इसकी पूजा करने लगे. यहां लोगों की आस्था बढ़ती गई और बाद में यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया. यहां यदि आप जाएंगे तो आप खुद कह उठेंगे कि इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की प्रकृतिक छठा लोगों का मन मोहने के लिए काफी है. शहर से दूर मन को सकून देने वाली शांति.