Tuesday, January 21, 2025
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श्रीरामचरितमानस को लेकर ये क्या कह दिया सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा श्रीरामचरितमानस पर की गयी टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी ऐसी बात कह दी है जिसपर विवाद पैदा हो गया है. मौर्य ने तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग तक कर दी. उन्होंने कहा है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है.

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है. यदि रामचरितमानस की किन्ही पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है. रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं. इसी तरह से रामचरितमानस की एक चौपाई यह कहती है कि महिलाओं को दंड दिया जाना चाहिए. यह उनकी (महिलाओं) भावनाओं को आहत करने वाली बात है जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं. यदि तुलसीदास की रामचरितमानस पर वाद-विवाद करना किसी धर्म का अपमान है तो धार्मिक नेताओं को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की चिंता क्यों नहीं होती। क्या यह वर्ग हिंदू नहीं है? उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.

यदि आपको याद हो तो इससे पहले, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पिछली 11 जनवरी को नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में श्रीरामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था.