ऑपरेशन मैनेजर शादाब बैंक आये ग्राहकों की सुरक्षा का रखते हैं ख्याल
गया : कोविड 19 के मंडराते खतरे को एकजुटता से हराया जा सकता है. संक्रमण का खतरा किसी विशेष जाति, वर्ग या समुदाय नहीं, पूरे मानव समाज को है. संक्रमण की चपेट में कोई भी व्यक्ति आ सकता है. कोरोना उपचाराधीन या प्रभावित लोगों के प्रति भेदभाव सही नहीं है. ऐसा करना मानवीय आदर्शों को नहीं दर्शाता है. हां यह बात जरूर है कि कोविड के कारण हमारे सामने कई चुनौतियां हैं लेकिन इसका सामना करने के लिए हम सुरक्षा के नियमों को अपना ढ़ाल बनायें. यह कहना है शादाब नजमी का.
उनका मानना है कि उपचाराधीन या प्रभावित व्यक्ति से भेदभाव सामाजिक समरसता के लिए नुकसान देह है. प्रभावित व्यक्ति हमारे समाज का हिस्सा है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जीतने के लिए ऐसे लोगों की हर संभव मदद की जानी जरूरी है.
शादाब नजमी शहर के धामी टोला स्थित एचडीएफसी बैंक में ब्रांच ऑपरेशन मैनेजर हैं. पिछले चार माह से उनकी जिंदगी में हुए बदलाव को अब वह धीरे धीरे स्वीकार करने लगे हैं. ना सिर्फ वह, बल्कि उनके परिवार के सदस्य व सहकर्मी भी कोरोना की इस चुनौती को स्वीकार कर नियमों की कड़ाई से पालन करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. शादाब बताते हैं कि कोरोना आपदा से पूर्व उन्हें सिर्फ अपने बैंक की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होता था. लेकिन अब ग्राहकों व बैंक कर्मियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना अब उनकी जिम्मेदारियों में शामिल है. लोगों को बीमारी के बारे में पुष्टि की हुई जानकारी से रूबरू कराना और जरूरी नियमों का पालन करवाना रोजमर्रा की आदतों में शुमार हो गया है.
स्वास्थ्य विभाग को जांच के लिए दी थी सूचना: शादाब बताते हैं कि एक माह पहले बैंक आने वाले एक ग्राहक के कोविड-19 से प्रभावित होने की सूचना मिली थी. जब इसकी जानकारी सभी बैंक कर्मियों को दी गयी तो उन सभी में डर बैठ गया. उन्हें खुद भी इस बात का डर था कि कहीं वह भी कोरोना संक्रमित न हों. लेकिन बिना घबराते हुए उन्होंने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग की टीम को दी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बैंक के सभी कर्मियों का स्वैब सैंपल जांच के लिए भेजा. जांच में सभी कर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव आयी जिसके बाद कर्मियों व परिवार वालों ने राहत की सांस ली.
संक्रमण की आशंका को छुपाना सही नहीं: शादाब कहते हैं लोगों में कोरोना संक्रमण का डर होना चाहिए. लेकिन यदि किसी व्यक्ति को खुद के कोविड 19 संक्रमण की आशंका है तो ऐसे लोगों को स्वयं जांच के लिए सामने आना चाहिए. इस प्रकार की बीमारी को छुपाया नहीं जाना चाहिए अन्यथा यह उसके परिवार, साथी व अन्य सभी लोगों के लिए जोखिम भरा है. ऐसे समय में घबराना नहीं चाहिए. व्यक्ति का आत्मविश्वास कई बड़ी बाधाएं दूर कर देता है. वह बताते हैं बैंक शाखा में वित्तीय कार्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इसलिए सुरक्षा बरत कर काम निबटाये जाते हैं. ग्राहकों के लिए बैंक में सेनिटाइजर व आवश्यक मात्रा में मास्क का भी इंतजाम किया गया है.