winter season : सर्दियों में वरदान से कम नहीं गुनगुनी धूप
जाड़े की शुरुआत कुछ दिन के बाद शुरू होने जा रही है. आप भी इसका लुफ़्त उठाने को तैयार हो जाएं. भारत के विभिन्न भागों में जहां जाड़े के दौरान गहरे कुहासे का छाया पड़ जाता है, वहीं उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में सूरज देव की कृपा रहती है. ग्रीष्म ऋतु का सूरज जहां नुकसानदायक होता है, वही शरद में यह औषधि बन जाता है. फिर भी हम खुद तो धूप का लुत्फ नहीं उठा पाते और अपने बच्चों को भी जाने-अनजाने इससे वंचित रखते हैं. जबकि शरद कालीन धूप के फायदे अनेक हैं. तो कुछ देर ही सही, अपने दफ़्तर, बंद कमरों से बाहर आकर कुछ देर धूप का आनंद लीजिए. यह प्रकृति के वरदान से कम नहीं.
कई रोगों का प्राकृतिक उपचार
-ऊष्मा का मुख्य स्रोत होने के कारण सूर्य की रोशनी ठंड से सिकुड़े शरीर को गरमाहट देती है, शरीर की जकड़न दूर होती है. इससे शरीर के भीतर की ठंडक और पित्त की कमी दूर होती है.
-विटामिन-डी शरीर में हड्डी की मजबूती के लिए अहम है. इस विटामिन का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत सूरज की रोशनी ही है.
-शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है. शरीर में WBC का पर्याप्त निर्माण होता है, जो रोग पैदा करनेवाले कारकों से लड़ने का काम करते हैं.
-सूरज की किरणों से शरीर को कैंसर से लड़ने वाले तत्व मिलते हैं.
-आपको अच्छा महसूस कराने वाले हॉर्मोन सेरेटॉनिन और एंडोर्फिन का धूप के असर से शरीर में पर्याप्त स्राव होता है, जो डिप्रेशन, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर, साइकॉलजिकल-इमोशनल हेल्थ और बॉडी क्लॉक के संतुलन में फायदेमंद है.
-सुबह की धूप सेंकने से त्वचा संबंधी कई लाभ भी होते हैं.
-नाड़ियों व जोड़ों पर भी इसका असर पड़ता है. यानी सभी शारीरिक गतिविधियां प्राकृतिक अवस्था में रहकर स्वास्थ्य प्रदान करती हैं.
-त्वचा की सिकुड़न, फंगस एवं अन्य चर्म रोगों का धूप एक प्राकृतिक उपचार है. त्वचा में नमी के कारण पनपने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर त्वचा को स्वस्थ बनाये रखने में धूप फायदेमंद है.
कितनी देर की धूप : वैसे तो ‘अति सर्वत्र वर्जयते’… बहुत अधिक भी सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में रहने से उसमें मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं. धूप का भरपूर लाभ लेने के लिए सप्ताह में कम-से-कम 3-4 बार सुबह 10 से 12 बजे या ढलती दोपहर में 3 से 5 बजे तक 30 मिनट गुनगुनी धूप में बैठना अच्छा माना जाता है. डॉक्टरों की मानें तो आजकल नवजात बच्चों में पीलिया की शिकायत काफी हो गयी है. ऐसे में इन बच्चों को रोज धूप में कुछ देर रखना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि बच्चे को ज्यादा देर तक और सीधा धूप के संपर्क में न रखें.आप कामकाजी हो या घरेलू, अपने हिस्से की धूप जिसे प्रकृति ने मुफ़्त मुहैया कराया है, उससे खुद को रिचार्ज करने से वंचित न रहें.