Tuesday, November 26, 2024
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क्या ‘अटल टनल’ है चीन के निशाने पर ? बौखलाकर कही ये बात

चीनी कम्यनुस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर गीदड़भभकी दी है. उसने कहा है कि अगर भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ, तो चीनी सेना भारत की नवनिर्मित अटल टनल को बर्बाद कर देगी. चीनी अखबार ने एक विशेषज्ञ के हवाले से कहा है कि यह भारतीय इलाका बहुत कम आबादी वाला है. इस सुरंग का मकसद केवल सैनिक उद्देश्यों की पूर्ति करना है.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी अटल सुरंग का गत शनिवार को उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने इस सुरंग में दक्षिण से उत्तरी पोर्टल तक यात्रा की. साथ ही मुख्य टनल में ही बनायी गयी आपातकालीन सुरंग का निरीक्षण किया. मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़नेवाली 9.02 किलोमीटर लंबी अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है. सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग हिमालय की पीर पंजाल शृंखला में अति-आधुनिक विशिष्टताओं के साथ बनायी गयी है. इसके बनने से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किमी कम हो गयी है.

वाजपेयी सरकार ने  इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय लिया था. दरअसल, करगिल युद्ध के बाद लेह से मनाली के लिए ऑल वेदर मार्ग यानी हर मौसम में संचालित मार्ग की जरूरत महसूस की गयी थी. इसके बाद ही सुरंग बनाने की योजना बनी.  फिर वाजपेयी सरकार ने 26 मई, 2002 को सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला रखी. 2010 में इस परियोजना की आधारशिला तत्कालीन यूपीए सरकार ने रखी.  मोदी सरकार ने 2019 में इसका नाम अटल सुरंग किया था.

-10 हजार फीट की ऊंचाई पर 10 साल में तैयार-

9.02 किमी लंबाई , 10.5 मीटर चौड़ी

3200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 

80 किमी प्रति घंटा वाहनों की रफ्तार

3000 कार और 1500 ट्रक गुजर सकेंगे प्रतिदिन

-आधुनिक विशिष्टताओं से युक्त-

हर 150 मीटर पर 4-जी की सुविधा

हर 60 मीटर पर सीसीटीवी कैमरा

हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट

मुख्य टनल में ही आपातकालीन टनल

-सेना को सहूलियत : अब मनाली से लेह का सफर 46 किमी तक कम होगा. ऐसे में सेना के वाहन वहां से कम समय में लेह व कारगिल पहुंच सकेंगे.

-कम हुआ फासला-

-46 किलोमीटर कम हुई मनाली और लेह की दूरी, चार से पांच घंटे की बचत  

-12 महीने जुड़े रहेंगे मनाली और लाहौल-स्पीति घाटी, अभी बर्फबारी से छह माह तक संपर्क टूट जाता है

-60 मीटर ऊंचाई का फर्क है टनल के एक हिस्से और दूसरे में, लेकिन गुजरते हुए लगेगा सीधी-सपाट है सड़क

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