लड़कियों के लिए शादी की सही उम्र क्या ? पीएम मोदी ने कही ये बात
केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Modi) सरकार लड़कियों की शादी (Girls Age of Marriage) की न्यूनतम आयु में बदलाव की का प्लान बना रही है. सरकार अब बेटियों की शादी के लिए सही उम्र तय करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अक्टूबर को देश की बेटियों को यह आश्वासन दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि शादी के लिए सही उम्र तय करने को लेकर बनी समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी. प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपये के स्मारक सिक्के को जारी करने के लिए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमारी बेटियों की शादी के लिए सही उम्र तय करने के लिए चर्चा चल रही है.
यहां चर्चा कर दें कि केंद्र ने विवाह और मातृत्व की उम्र के सहसंबंध की जांच के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है. पीएम मोदी ने बताया कि लड़कियों की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव करने के लिए पीछे उद्देश्य मातृ मृत्युदर में कमी लाना है.
इससे पहले अक्तूबर, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि वैवाहिक बलात्कार से बेटियों को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया था. कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले को लेकर सरकार ने कवायद शुरू की है. कोर्ट का मानना था कि शादी के लिए लड़की और लड़के की न्यूनतम उम्र एकसमान होनी चाहिए.
क्या कहा था पीएम मोदी ने : इससे पहले लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने महिलाओं से संबंधित कई मुद्दों की चर्चा की. उन्होंने कहा था कि बेटियों में कुपोषण खत्म हो, उनकी शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाने का काम किया है. उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसला लेने का काम सरकार करेगी. आपको बता दें कि देश में अभी लड़कियों की शादी की कम से कम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है जबकि लड़कों की उम्र सीमा 21 वर्ष है.
आंकड़ों पर नजर: यूनिसेफ के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो भारत में अब भी बाल विवाह रुका नहीं है. आंकड़ों के अनुसार 27 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल से पहले और 7 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल से पहले लोग कर रहे हैं.