Congress Party News : क्या और कमजोर होगी कांग्रेस ? बदलाव में ‘लेटर बम’ का असर
कांग्रेस नेतृत्व की ओर से संगठन में किए गए व्यापक बदलाव के जरिए दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद और तारिक अनवर सहित कई ऐसे नेताओं की पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में वापसी हुई है जो लंबे समय से पार्टी मुख्यालय, 24 अकबर रोड पर सक्रिय भूमिका में नजर नहीं आ रहे थे.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल किया. इनमें जहां कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) से लेकर राज्यों के प्रभारी महासचिव और प्रभारी सचिव तक बदले गये, वहीं कांग्रेस के भीतर संगठन चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी. गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है. सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी का नया महासचिव नियुक्त किया गया है. उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में आजाद भी आजाद भी शामिल थे. उन्हें महासचिव पद से हटाने के बाद सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है.
स्पेशल कमिटी में इन नेताओं के नाम : मधूसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में पार्टी के भीतर सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी का ऐलान भी कर दिया गया. इतना ही नहीं, चिठ्ठी में अध्यक्ष के कामकाज में मदद करने के लिए जिस सिस्टम की मांग की गयी थी, उस स्पेशल कमिटी का भी गठन किया गया, जिसमें अहमद पटेल, एके एंटनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासिनक, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला को रखा गया. माना जा रहा है कि ये तमाम बदलाव राहुल गांधी को ध्यान में रखते हुए किये गये हैं.
संगठन से इनकी हुई छुट्टी :शुक्रवार को हुए बदलाव में जहां गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, मोतीलाल वोरा, लुजिन्हो फलेरो से संगठन महासचिव की जिम्मेदारी ले ली गयी, वहीं दूसरी ओर आशा कुमारी, अनुग्रह नारायण सिंह, गौरव गोगोई और रामचंद खूंटिया से भी प्रदेश प्रभार वापस ले लिया गया. वोरा जैसे परिवार के भरोसेमंद व्यक्ति से संगठन के प्रशासन की जिम्मेदारी लेकर यह जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को दी गयी.
ये हैं नौ महासचिव: कांग्रेस ने बदलाव करते हुए नौ महासचिव और 17 प्रभारी रखे हैं. इनमें जहां कुछ लोगों की जिम्मेदारी नहीं बदली, वहीं कुछ पुरानों को हटाकर नये का लाया गया, जबकि कुछ के प्रभार बदल दिये गये. महासचिवों में मुकुल वासनिक, हरीश रावत, ओमन चांडी, प्रियंका गांधी, तारिक अनवर, रणदीप सुरजेवाला, जीतेंद्र सिंह, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल हैं.
चिट्ठी कांड का भी असर: इस बदलाव में चिठ्ठी कांड का भी असर दिखा. जहां चिठ्ठी लिखने वाले कुछ चेहरों का कद कम किया गया, वहीं असंतोष दिखाने के बाद भी कई पर भरोसा दिखाया गया. वासनिक और जितिन प्रसाद इसी श्रेणी में आते हैं, जबकि चिठ्ठी लिखने वाले आजाद, आनंद शर्मा को सीडब्ल्यूसी में रखा गया.