Google का जबरदस्त फीचर, भूकंप आने से पहले करेगा आपको अलर्ट, जानें कैसे करेगा काम
भूकंप…यह शब्द जैसे ही कानों में जाता है भयावह मंजर सामने आ जाता है. इस प्राकृतिक आपदा ने कई देशों में हजारों जानें ली हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. हाल के दिनों में राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में भूकंप के झटके ने लोगों को डाराया है. इसी बीच भूकंप को लेकर Google ने एक अच्छी खबर दी है. जी हां… Google एंड्रॉइड फोन पर एक सुविधा शुरू करने जा रहा है जो भूकंप के पूर्व आपको सचेत कर देगा.
पिछले दिनों Google ने ऐलान किया कि वे एंड्रॉइड फोन पर भूकंप के अलर्ट सिस्टम को रोल आउट करने की योजना पर काम कर रहा है. यह सिस्टम सबसे पहले कैलिफ़ोर्निया में तैनात होगा. जिसके माध्यम से भूकंप की चेतावनी लोगो को कुछ सेकंड मिल जाएगा और वे अलर्ट हो जाएंगे.
गूगल ने फोन में अर्थक्वेक वार्निंग टूल्स (earthquake warning tool) ऐड किए है. खबरों की मानें तो इसमें सैमसंग Galaxy सीरीज़ के स्मार्टफोन्स शामिल हैं. कैलिफोर्निया में, Google ने United States Geological Survey और कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर ऑफ़िस ऑफ़ इमरजेंसी सर्विसेज (Cal OES) के साथ राज्य में सीधे Android डिवाइस पर भूकंप के अलर्ट भेजने का करार किया है. अलर्टों को ShakeAlert अर्थक्वेक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के माध्यम से भेजने का काम किया जाएगा.
इसमें खास बात यह है कि Google के इस सिस्टम के लिए ऐप इंस्टॉलेशन की आवश्यकता नहीं हैं. यदि आप नए प्रोग्राम का ऑप्शन चुनते हैं, तो आपका एंड्रॉइड फोन एंड्रॉइड अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम के हिस्से के रूप में एक मिनी सीस्मोमीटर में तब्दील हो जाएगा.
लाखों एंड्रॉइड फोन के साथ, Google पॉसिबली धरती पर सबसे बड़ा भूकंप का पता लगाने वाला नेटवर्क बना सकता है. हर क्षेत्र में सीस्मोमीटर का एक नेटवर्क नहीं है जैसा कि कैलिफ़ोर्निया करता है, इसलिए Google के एंड्रॉइड फोन का नेटवर्क आता है. फ़ोन के एक्सेलेरोमीटर का उपयोग करके, एंड्रॉइड डिवाइस भूकंप का पता लगाने वाले सर्वर को एक संकेत भेज सकते हैं जब इसे पता चले कि भूकंप आने वाला है.
कंपनी की मानें तो, ज़्यादातर स्मार्टफोन्स छोटे एक्सीलेरोमीटर के साथ आते हैं जो भूकंप को सेंस करने में सक्षम हैं. ये P-वेव डिटेक्ट करने में भी कारगर हैं. यह भूकंप शुरू होने के बाद सबसे पहले वेव होते हैं और ये बाद में आने वाले S-वेव की तुलना में काफी कम डैमेजिंग होते हैं. यदि फोन किसी ऐसी चीज को डिटेक्ट करता है, जिसे भूकंप समझा जाए तो ये फौरन गूगल के अर्थक्वेक डिटेक्शन सर्वर को एक सिग्नल देगा. इसके अलावा जहां भूकंप जैसे लक्षण नज़र आए हैं वहां कि लोकेशन भी भेजने का काम करेगा.