जब कांस में फूल आने लगे तो लोग कहते हैं अब बरसात के मौसम का बुढ़ापा आ गया है | मतलब अब बारिश धीरे-धीरे कम हो जायगी| बारिश कम होने का मतलब ठण्ड का आगमन |
इसके जड़ों का उपयोग त्वचा रोग (खुजली) ठीक करने में किया जाता है | इसका जड़ शरीर के ऊपरी घावों को भरने में भी मदद करता है |
इस घास का उपयोग फूल झाड़ू बनाने में किया जाता है | कई ग्रामीण क्षेत्र में लोग इससे घर के छप्पर भी बनाते हैं |
मूत्र मार्ग से सम्बंधित परेशानियों (जलन या छोटे घाव) से भी राहत दिलाता है | खाने में अरुचि को दूर करता है |
कुछ क्षेत्र में हल षष्ठी (हलछठ, कमर छठ, ललही छठ) की पूजा में कांस के फूल का प्रयोग होता है
जब कांस में फूल आने लगे तो लोग कहते हैं अब बरसात के मौसम का बुढ़ापा आ गया है | मतलब अब बारिश धीरे-धीरे कम हो जायगी| बारिश कम होने का मतलब ठण्ड का आगमन |