महालया के दूसरे दिन आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नवरात्र व्रत अनुष्ठान प्रांरभ होता है. 

घर में जौ बोकर, घट स्थापित कर श्री दुर्गासप्तशती का पाठ करते हैं. 

इस वर्ष रविवार, 25 सितंबर को स्नान-दान सहित सर्वपैत्री अमावस्या का श्राद्ध एवं पितृविसर्जन महालया पर्व के रूप में संपन्न होगा. 

इस बार महालया के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र अहोरात्र, सूर्य कन्या राशि में, चंद्रमा सिंह राशि में दिवा 12:16 बजे के उपरांत कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. 

शुभ योग, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के होने के कारण इस दिन दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो सर्वपैत्री अमावस्या के श्राद्ध तथा महालया पर्व के लिए सर्वोत्तम तिथि है.